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अन्य किसानों के नजीर पेश कर रहे रायबरेली के किसान, एक लाख रुपये देने वाली फसल

भारत में 80 प्रतिशत लोग खेती पर निर्भर करते हैं। जो किसान समय के अनुसार अपनी खेती के तरीकों तथा फसलों को नहीं बदलते हैं, उनको खेती में कोई ज्यादा मुनाफा नहीं होता। इसके अलावा जो किसान समय और तकनीक के अनुसार फसलों को बदलते हैं तथा नई-नई तकनीकों का प्रयोग करते हैं, उनके लिए खेती आज भी एक बड़ा व्यवसाय है। इससे न केवल भारी मुनाफा हो सकता है ब​ल्कि अन्य किसानों के लिए भी ऐसे किसान प्रेरणा का स्रोत होते हैं। आज हम ऐसे ही एक किसान की कहानी आपको बताने जा रहे हैं।


हम रामबरेली के किसान रामनरेश लोधी के बारे में बता रहे हैं। उसके पास डेढ़ बीघा जमीन है, जिससे वह लाखों की कमाई कर रहे हैं। रामनरेश लोधी पारंपरिक खेती जैसे धान, गेहूं, गन्ना का उत्पादन नहीं करते हैं। उन्हें यूट्यूब पर काहू नामक फसल की जानकारी मिली। काहू का प्रयोग आयुर्वेदिक दवाइयां बनाने में प्रयोग होता है। इसलिए किसान ने इस फसल को लगाने का विचार किया। इससे पहले उसने इस फसल के बारे में सारी जानकारी हासिल की।


लागत 15 से 20 हजार रुपये
रामनरेश लोधी ने बताया कि उसने अपपनी डेढ़ बीघा जमीन से में काहू की खेती है। इसकी लागत 15 से 20 हजार रुपये आती है। जब उसने फसल बेची तो यह दो लाख के आसपास बिकी। काहू की मांग आयुर्वेदिक औषधियां बनाने वाली कंपनियां करती हैं। काहू के बीज सफेद रंग के होते हैं जो कि जीरा की तरह छोटे होते हैं।काहू की खेती के लिए किसानों को किसी बहुत ज्यादा अलग मिट्टी की जरूरत नहीं है। खेत में बस जल निकासी की बढ़िया व्यवस्था हो। पानी रुकना नहीं चाहिए और पीएच मान सामान्य हो तो काहू की खेती कर सकते हैं। अधिक उत्पादन के लिए बुवाई से पहले गोबर खाद दें। काहु की फसल करीब 120 दिन में तुड़ाई के लिए तैयार होती है। बीजों को तोड़ने के बाद धूप में सुखाते हैं। डेढ़ बीघा की जमीन में काहू की खेती करते हैं, तो दो से ढाई क्विंटल उत्पादन मिलता है। लेकिन इसके लिए उचित देख-रेख की आवश्यकता एक एकड़ में काहू की खेती करने के लिए ढाई सौ ग्राम बीज लगता है।


कहां प्रयोग होता है काहू का
काहू के पत्तों का इस्तेमाल सलाद के रूप में भी करते हैं। इसकी सब्जी भी बनाई जाती है, तथा इसके बीज और तेल का इस्तेमाल यूनानी चिकित्सा में प्रमुख रूप से किया जाता है। कई तरह की बीमारियों का इससे इलाज होता है। जैसे कि सिर दर्द, नींद ना आना, बुखार, अस्थमा, तनाव जैसी बीमारियों का इलाज इसके बीजों से किया जाता है। काहू के पत्ते भी बहुत गुणकारी होते हैं। त्वचा संबंधित समस्याओं के लिए काम आते हैं। इसका इस्तेमाल बालों को मजबूत करने के लिए भी करते हैं। इस तरह यह औषधि गुना से भरा हुआ है। इस प्रकार अन्य औषधीय फसलें भी हैं, जिनके लगाने से किसान को अच्छा मुनाफा होता है।

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